उन्होंने लोकतंत्र की नई ' जनसमूह संस्कृति ' का तथा वाणिज्यीकृत साक्षरता का पूरे मनोवेग के साथ प्रत्युत्तर दिया लेकिन हमेशा उच्च विचार की भावना और परंपरावादी जुगुप्सा से।
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और यदि ' उच्च' संस्कृति तथा असमानता और वर्चस्व सभी जनसमूह संस्कृति की ऐतिहासिक वास्तविकताओं से अमूर्त रूप में पहले ही सक्रिय तथा अत्यंत महत्वपूर्ण है, यदि टेलीविजन और शॉपिंग पहले ही विध्वंस के थिएटर हैं तो संघर्ष के लिए कोई जगह नहीं और दरअसल इसकी आवश्यकता भी नहीं।
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और यदि ' उच्च ' संस्कृति तथा असमानता और वर्चस्व सभी जनसमूह संस्कृति की ऐतिहासिक वास्तविकताओं से अमूर्त रूप में पहले ही सक्रिय तथा अत्यंत महत्वपूर्ण है, यदि टेलीविजन और शॉपिंग पहले ही विध्वंस के थिएटर हैं तो संघर्ष के लिए कोई जगह नहीं और दरअसल इसकी आवश्यकता भी नहीं।